बरेली में पांच लोगों की मौतों का मामला: शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी थी आग, जांच में खुलासा; साजिश की आशंका

विद्युत सुरक्षा निगम की टीम ने जांच के बाद सभी बिजली उपकरणों को माना सुरक्षित

बरेली में पांच लोगों की मौतों का मामला: शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी थी आग, जांच में खुलासा; साजिश की आशंका

विद्युत सुरक्षा निगम की टीम ने जांच के बाद सभी बिजली उपकरणों को माना सुरक्षित

फरदीपुर के मोहल्ला फर्रखपुर में 27 जनवरी की रात बंद कमरे में दंपती और उनके तीन बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। मृतक के पिता ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। विद्युत सुरक्षा निगम की जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक कमरे में शॉर्ट सर्किट से आग नहीं लगी थी। 

बरेली के फरीदपुर में आग से पांच लोगों की मौत के मामले में विद्युत सुरक्षा निगम के अफसरों ने फॉल्ट या शॉर्ट सर्किट होने की आशंका को खारिज कर दिया है। उन्होंने जांच रिपोर्ट भी इसीलिए नहीं बनाई है कि घटनाक्रम हत्या या किसी साजिश जैसा ही लग रहा है।

यह थी घटना
फरदीपुर के मोहल्ला फर्रखपुर निवासी अजय गुप्ता, उनकी पत्नी अनीता, बेटा दिव्यांश, दक्ष व बेटी दिव्यांका की शनिवार रात बंद कमरे में जलकर मौत हो गई थी। अजय परिवार के साथ किराये के मकान में रहते थे। अजय के पिता सुरेश बाबू गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 

घटना के बाद जांच के दौरान कमरे में अधजला ब्लोअर मिला था। एक और अवशेष मिला था, जिसे हीटर माना गया था। इस तरह की घटना में विद्युत सुरक्षा निगम की जांच काफी महत्व रखती है। इस लिहाज से एसडीएम फरीदपुर ने विद्युत सुरक्षा अधिकारी अजय चौधरी को बुलाया था।
 
उन्होंने अपनी टीम के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। अभी तक इस मामले में उनकी रिपोर्ट न आने पर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सभी बिजली उपकरणों के प्लग समुचित तरीके से लगे मिले।

किसी तरह के शॉर्ट सर्किट या फॉल्ट की स्थिति मौके पर नहीं मिली। इसलिए उनकी रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं रह जाता है। बताया कि किसी अन्य कारण से कमरे में आग लगी होगी, जिसकी वजह से अन्य सामानों के साथ बिजली उपकरण भी जल गए थे। दरवाजे पर लगा ताला और पेट्रोल टंकियों के पाइप कटे मिलना भी किसी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। हो सकता है कि उस वक्त कमरे में कोई और रहा हो जो आग लगाकर चला गया हो। 

उसने यह सोचकर कमरे में ताला डाल दिया हो कि कोई भाग न सके। चौधरी का कहना है कि इस तरह के मामले में जांच कर सही तथ्य सामने लाना पुलिस विभाग का काम है। पुलिस विवेचना में इसे स्पष्ट करेगी।

कॉल डिटेल और बहन की बातों में विरोधाभास

अजय गुप्ता के तहेरे भाई राजेंद्र गुप्ता की भाभी दीपा गुप्ता अनीता की बड़ी बहन हैं। दीपा गुप्ता अजय के पड़ोस में ही रहती हैं। दीपा ने बताया कि घटना वाली रात 11 बजे तक अनीता ने अपनी बरेली निवासी बुआ से चचेरे भाई की शादी की तैयारी को लेकर बात की थी। परिजनों ने पुलिस को जो नंबर अनीता का बताकर दिया, उसकी कॉल डिटेल व अजय की कॉल डिटेल दीपा की बात से मेल नहीं खा रही है। कॉल डिटेल ब दीपा की बातों में विरोधाभासी है।

बार-बार बयान बदल रहे राजेंद्र 
घटना वाले दिन पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता से पूछताछ की तो उन्होंने बताया था कि वह अपनी बाइक लेने के लिए 20 मिनट तक अजय का दरवाजा खटखटाते रहे। उन्होंने मकान के अंदर से धुआं निकलने की बात कही, जिसके बाद पड़ोसी की छत से वह अजय गुप्ता के घर में घुसे। इसके बाद उसके कमरे में लगा ताला तोड़ा। बुधवार को पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता को पूछताछ के लिए बुलाया तो वह कुछ और ही कहानी बताने लगे। पुलिस के अनुसार राजेंद्र गुप्ता अपनी ही बातों में उलझ रहे हैं। घटना के समय बताए घटनाक्रम व बुधवार को पूछताछ में बताए घटनाक्रम आपस में मेल नहीं खा रहे हैं।

अग्निशमन अधिकारी भी नहीं पकड़ पा रहे सिरा 

सीएफओ चंद्र मोहन शर्मा खुद इस मामले की जांच कर रहे हैं और घटना के दिन भी मौके पर गए थे। रोज ही घटना को लेकर नई जानकारी सामने आने से वह भी संशय में हैं। पांच दिन बाद भी वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं। कभी वह मौके पर दोबारा जाकर जांच करने तो कभी दूसरी एजेंसियों की जांच रिपोर्ट न मिलने की बात कहते हैं। उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में रिपोर्ट तैयार कर दाखिल कर देंगे।

लखनऊ लैब में भेजे जाएंगे साक्ष्य और फोटो 
घटना का रीक्रिएशन कराने के लिए मौके से मिले साक्ष्य व फोटो-वीडियो को लखनऊ के ऐशबाग स्थित लैब में भेजा जाएगा। कई जगहों के विशेषज्ञों की टीम घटना का रीक्रिएशन कर मौतों का राज जानने का प्रयास करेगी।