“एक पेड़ मां के नाम” अभियान में ग्रामीणों की भागीदारी

बलौदा जनपद में जनभागीदारी से वर्षा जल संचयन के लिए सोखता गड्ढों का निर्माण और “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण किया जा रहा है, जिससे जलस्तर और पर्यावरण दोनों को मजबूती मिलेगी।

“एक पेड़ मां के नाम” अभियान में ग्रामीणों की भागीदारी

बलौदा जनपद में कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गोकुल रावटे के मार्गदर्शन में जल संरक्षण को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में जनभागीदारी से वर्षा जल संचयन के लिए सोखता गड्ढों का निर्माण प्राथमिकता से किया जा रहा है, जिसका सीधा प्रभाव भूजल स्तर के स्थायी सुधार पर पड़ेगा।

मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी ह्रदय शंकर ने जानकारी दी कि इन गड्ढों के माध्यम से बारिश का पानी सीधे ज़मीन में समाकर भूजल को पुनर्भरित करता है। इससे जल निकासी की समस्या में राहत मिलती है, जलभराव कम होता है और खेती के लिए ज़रूरी नमी भी संरक्षित रहती है। यही नहीं, घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे नालियों में बहाने की जगह इन्हीं गड्ढों में भेजा जा रहा है, जिससे स्वच्छता बनी रहती है और पारिस्थितिकी तंत्र को भी लाभ मिलता है।

ग्राम पंचायत हेडसपुर में स्कूली बच्चों और जनप्रतिनिधियों ने "मोर गांव मोर पानी" अभियान के अंतर्गत रैली निकालकर लोगों को जल संरक्षण का महत्व समझाया। इसमें बताया गया कि छतों या परिसर के पानी को पाइप द्वारा सीधे सोखता गड्ढों तक पहुंचाया जाता है ताकि वर्षा जल व्यर्थ न जाए।

इसी के साथ जिले के स्कूलों, पंचायत भवनों, आंगनबाड़ी केंद्रों और हैंडपंप के पास भी सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा रहा है। जल संरक्षण के प्रति जनजागरण के लिए रैलियाँ, जागरूकता कार्यक्रम और ग्रामसभाएँ लगातार आयोजित की जा रही हैं।

इन प्रयासों के साथ-साथ “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत स्कूली बच्चों और ग्रामीणों द्वारा पौधारोपण भी किया गया है। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है और जैव विविधता में भी सकारात्मक असर दिख रहा है।

इस पूरे अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों, महिला स्व-सहायता समूहों और स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से एक सशक्त जनांदोलन का रूप लिया जा रहा है। मनरेगा के अंतर्गत जल संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता देकर ग्रामीण विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं।