आदिवासी ग्रामों के विकास के लिए "आदि कर्मयोगी अभियान" की शुरुआत : कलेक्टर संदीप जी आर
सागर जिले में "आदि कर्मयोगी अभियान" की शुरुआत, कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा—आदिवासी ग्रामों का विकास उनकी आवश्यकताओं के अनुसार हो। 73 गांवों में आदि सेवा केंद्र बनेंगे।
सागर। जिले में आदिवासी समुदाय को शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुँचाने के उद्देश्य से "आदि कर्मयोगी अभियान" की शुरुआत की गई है। इस अवसर पर कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा कि आदिवासी ग्रामों की योजनाएं उनकी जरूरतों के अनुसार बनाई जाएंगी और अधिकारी एक-एक ग्राम को गोद लेकर मूलभूत विकास की दिशा में कार्य करेंगे।
कलेक्टर ने यह विचार डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम में वन अधिकारी शैलेश माचला, सहायक उपायुक्त सुधीर श्रीवास्तव, राजेश, अशफाक खान सहित अन्य अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर उपस्थित रहे।
शासन की योजनाएं हर परिवार तक
कलेक्टर ने बताया कि मास्टर ट्रेनर आदिवासी ग्रामों में जाकर शासन की योजनाओं को सौ प्रतिशत लागू करने का कार्य करेंगे। साथ ही समुदाय से चर्चा कर विकास योजनाएं तैयार करेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ग्रामों में रात्रि विश्राम कर महिला-पुरुषों को वित्तीय साक्षरता और साइबर फ्रॉड के बारे में विस्तार से जानकारी दें।
उन्होंने निर्देश दिया कि योजनाओं को डिजिटल रूप से तैयार कर गूगल शीट में समस्याओं को अंकित किया जाए ताकि समय पर समाधान हो सके। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र व्यक्तियों के नाम पंचायत भवन की दीवार पर अंकित किए जाएं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सामाजिक कुरीतियों पर भी विशेष जानकारी देने के निर्देश दिए।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर जोर
कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा कि आदिवासी समुदाय की सभी गर्भवती माताओं की समय पर जांच और नवजात शिशुओं का समुचित टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि वे आदिवासी संस्कृति को समझें और उसी के अनुरूप आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय नेतृत्व तैयार किया जाए, ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सके।
73 ग्रामों में बनेगे "आदि सेवा केंद्र"
सहायक उपायुक्त सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के लिए जिले के 73 गांवों का चयन किया गया है। इनमें केसली ब्लॉक के 31, देवरी के 13, रहली के 9, शाहगढ़ के 6, बंडा के 5, राहतगढ़ के 3, सागर और जेसीनगर के 2-2 तथा बीना और खुरई के 1-1 ग्राम शामिल हैं।
प्रत्येक गांव में शासन से जुड़ी सेवाओं को सुगम बनाने के लिए आदि सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। अभियान की संरचना में जिला स्तर पर आदि कर्मयोगी, विकासखंड स्तर पर आदि सहयोगी और ग्राम स्तर पर आदि साथी की भूमिका तय की गई है।
स्वयंसेवकों की भागीदारी
ग्राम स्तर पर चिन्हित आदि साथी के रूप में सेवारत अथवा सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, जनजातीय युवा, शिक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, पारंपरिक ज्ञान के धारक और स्वयंसेवक शामिल होंगे। ये सभी जनजातीय समुदाय के उत्थान में योगदान देंगे।
अभियान की निगरानी के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट रिस्पॉन्सिव गवर्नेंस ग्रुप (DRGG) का गठन किया गया है।