Aligarh Nagar Nigam: बजट अधिवेशन बना मछली बाजार, कुर्सी फेंकी, पुतला जलाया, हंगामा, तोड़फोड़, देखिए नजारा

अलीगढ़ नगर निगम का विशेष बजट अधिवेशन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा रहा। जबरदस्त हंगामे, नारेबाजी, प्रदर्शन, धरना व तोड़फोड़ के बीच बिना चर्चा के महज पांच मिनट में 675 करोड़ रुपये का बजट भाजपा पार्षदों ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।

Aligarh Nagar Nigam: बजट अधिवेशन बना मछली बाजार, कुर्सी फेंकी, पुतला जलाया, हंगामा, तोड़फोड़, देखिए नजारा

अलीगढ़ नगर निगम का विशेष बजट अधिवेशन 23 फरवरी को विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा रहा। जबरदस्त हंगामे, नारेबाजी, प्रदर्शन, धरना व तोड़फोड़ के बीच बिना चर्चा के महज पांच मिनट में 675 करोड़ रुपये का बजट भाजपा पार्षदों ने ध्वनि मत से पारित कर दिया। 

लंच के बाद बजट पास होते ही जैसे ही मेयर प्रशांत सिंघल व नगर आयुक्त अमित आसेरी सदन से बाहर निकले, तभी विपक्षी पार्षदों ने कुर्सी-मेज फेंक दीं और फ्लैक्स फाड़ दिए। इतना ही नहीं, नगर आयुक्त का पुतला तक फूंक दिया। नगर आयुक्त की कुर्सी पर पांव रख कर प्रदर्शन किया।  

नुमाइश कैंप में मेयर द्वारा बजट संबंधी विशेष अधिवेशन बुलाया गया था। सुबह वंदेमातरम के साथ 11.40 बजे अधिवेशन शुरू हुआ। इसके साथ ही पार्षदों की कुर्सी के सामने टेबल न लगने पर हंगामा शुरू हो गया। 

हंगामे के बीच राष्ट्रगान शुरू हो गया। राष्ट्रगान तक पार्षद शांत रहे और उसके बाद फिर कुर्सियों फेंकना और तोड़फोड़ शुरू कर दी। महिला पार्षदों ने मेयर की मेज को पलट दिया, बैनर फाड़ दिए। कैंप कार्यालय के बाहर नगर आयुक्त का पुतला फूंका। नगर निगम मुर्दाबाद के नारे लगाए। 

विपक्षी पार्षदों ने मुस्लिम, अनुसूचित बस्तियों व पिछड़ा वर्ग के क्षेत्रों में काम नहीं होने देने का आरोप लगाया। यहां तक कहा कि मेयर व नगर आयुक्त सुनते नहीं हैं। भाजपा पार्षद अनिल सेंगर ने समान रूप से काम होने का दावा करते हुए विपक्ष के आरोपों का विरोध किया। हंगामे के दौरान भाजपा के पार्षदों ने सपाइयों द्वारा टोपी लगाने का यह कहते हुए विरोध किया कि यहां राजनीति करने आएं हैं। ऐसे तो भाजपाई टोपी लगाकर आ सकते हैं। इस पर सपा पार्षदों ने अपनी टोपी उतार लीं। 

भाजपा पार्षद व उपसभापति कुलदीप पांडेय ने बजट पर बिंदुवार चर्चा की मांग की। भाजपा के पार्षद बजट पर चर्चा के लिए तैयार थे, मगर सपा, बसपा व कांग्रेस के हंगामे के चलते भाजपाई खेमा पार्टी लाइन पर एकजुट हो गया। कुछ देर के लिए ऐसा लगा कि यह तो पक्ष विपक्ष का मसला हो गया है। बस फिर क्या था, बिना चर्चा के बहुमत बल में मौजूद भाजपा के पार्षदों ने बजट पास कराने के लिए हंगामा शुरू कर दिया।