जीएसटी सुधारों से एमएसएमई को बड़ी राहत, रोजगार और मांग में होगी वृद्धि

केंद्र सरकार ने हालिया जीएसटी सुधारों से एमएसएमई को बड़ा लाभ मिलने की बात कही है।

जीएसटी सुधारों से एमएसएमई को बड़ी राहत, रोजगार और मांग में होगी वृद्धि

केंद्र सरकार ने कहा है कि हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों से देशभर के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को व्यापक लाभ मिलेगा। सरकार का मानना है कि इन सुधारों से आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी, स्थानीय विनिर्माण को गति मिलेगी और विशेषकर महिलाओं, ग्रामीण उद्यमियों तथा अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में की गई कर कटौती से वाहनों की मांग बढ़ने की संभावना है। दोपहिया, कार, बस और ट्रैक्टर पर दरें घटने से टायर, बैट्री, कांच, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सहायक उद्योगों में काम करने वाले एमएसएमई को सीधा फायदा होगा। ट्रैक्टरों (1800 सीसी से कम) पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे भारत की ट्रैक्टर निर्माण में वैश्विक बढ़त और मजबूत होगी। वाणिज्यिक वाहनों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे परिवहन लागत और महंगाई का दबाव कम होगा। वहीं, 10 से अधिक सीटों वाली बसों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे स्कूलों और श्रमिकों के लिए यात्रा सस्ती होगी।

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को भी बड़ी राहत दी गई है। दूध और पनीर पर जीएसटी शून्य, जबकि मक्खन व घी पर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। दूध के डिब्बों और कई अन्य खाद्य पदार्थों पर भी कर घटाकर 5% कर दिया गया है। इन सुधारों से किसानों, स्वयं सहायता समूहों और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को सीधा लाभ होगा। छोटे मिठाई और चॉकलेट निर्माताओं की बिक्री भी बढ़ेगी।

वस्त्र और परिधान क्षेत्र में मानव निर्मित रेशों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। 2,500 रुपए तक के रेडीमेड गारमेंट्स और फुटवियर पर भी कर घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे छोटे शहरों और कस्बों में मांग बढ़ेगी और महिला श्रमिकों को नए रोजगार मिलेंगे।

निर्माण क्षेत्र को भी राहत दी गई है। सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे आवास की लागत घटेगी और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, कृषि आधारित लकड़ी के उत्पादों जैसे चावल की भूसी की बोर्ड और बांस की फर्श पर भी कर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे खनन, विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

सरकार का कहना है कि इन जीएसटी सुधारों से आवश्यक वस्तुएं और कच्चा माल अधिक सुलभ हो गया है। इससे एमएसएमई और स्टार्टअप्स को कारोबार विस्तार, नवाचार में निवेश और घरेलू व वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता मिलेगी। साथ ही, यह कदम महिला-नेतृत्व वाले और श्रम-प्रधान उद्योगों को मजबूत करेगा तथा ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा।