Makar Sankranti 2024: देश भर में उड़ान भरेंगी रामपुर में बनी पतंगें, 150 कारखानों में तैयार की गई 80 लाख पीस
रामपुर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ पतंगों के लिए भी मशहूर है। यहां कारखानों में बड़े पैमाने पर कारीगर पतंगें बनाते हैं, जिनका देश के कई राज्यों में निर्यात किया जाता है।
रामपुर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ पतंगों के लिए भी मशहूर है। यहां कारखानों में बड़े पैमाने पर कारीगर पतंगें बनाते हैं, जिनका देश के कई राज्यों में निर्यात किया जाता है। मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की परंपरा है। ऐसे में जिले के कारीगरों को 80 लाख से ज्यादा पतंगों का ऑर्डर मिला है।
मकर संक्रांति पर रामपुर की पतंगे लुधियाना और हैदराबाद में भी उड़ान भरेंगी। मौजूदा समय में जनपद में पतंगों के 150 कारखाने हैं। इन कारखानों में कारीगर अपने हुनर का करिश्मा दिखाकर पतंगों को रूप देते हैं। एक-एक कारखाने में चार-पांच कर्मचारी रखे हुए हैं। इन कर्मचारियों का काम तरह-तरह की आकर्षक पतंगों को तैयार करना है।
रंग-बिरंगी पतंगे दो रुपये से 15 रुपये तक उपलब्ध हैं। खास बात यह है कि यहां की बनी पतंगें रामपुर में कम जबकि बाहरी राज्यों में अधिक उड़ती हैं। रामपुर के कारखानों में तैयार पतंगों की उड़ान मुंबई, पुणे, हैदराबाद, नासिक, वाराणसी, लुधियाना, सहारनपुर तक है। इन इलाकों में रामपुर की पतंगों की काफी अधिक डिमांड है।
कारोबारी बताते हैं कि हर साल 4-5 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। मकर संक्रांति के लिए कारीगर दिन-रात पतंगे बनाने में जुटे हैं।