UP: तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रहे बुजुर्ग... ये डर दिखाकर फंसाया; बहू की इस ट्रिक से फ्रीज हुई लाखों की रकम

ग्रेटर ग्रीन पार्क निवासी बुजुर्ग को मनी लॉड्रिंग में फंसे होने का डर दिखाकर और कमीशन का झांसा देकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया।

UP: तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रहे बुजुर्ग... ये डर दिखाकर फंसाया; बहू की इस ट्रिक से फ्रीज हुई लाखों की रकम

बरेली के ग्रेटर ग्रीन पार्क निवासी बुजुर्ग को मनी लॉड्रिंग में फंसे होने का डर दिखाकर और कमीशन का झांसा देकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। उन्हें बैंक भेजकर एफडी तुड़वाकर खातों से 19 लाख की रकम हड़प ली गई। पुत्रवधू ने सजगता दिखाकर तत्काल साइबर थाना व हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी तो पूरी रकम फ्रीज करा दी गई। मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

श्यामबाबू शर्मा ऑर्डिनेंस फैक्टरी से रिटायर हैं और परिवार के साथ ग्रेटर ग्रीन पार्क में रहते हैं। उनके पुत्र सॉफ्टवेयर इंजीनियर और पुत्रवधू अपर्णा शर्मा कामकाजी महिला हैं। श्यामबाबू शर्मा के पास सात जनवरी को नए नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। 

कहा कि आपके नाम से बैंक में खाता खोला गया है। उस खाते में मनी लांड्रिग के तहत अवैध लेनदेन हुआ है। इसकी जांच की गई तो पता लगा कि 68 लाख रुपये अब भी जमा हैं। उसने कहा कि 19 लाख रुपये की सिक्योरिटी जमा कर दें तो जांच के बाद 68 लाख रुपये की राशि उन्हें दे दी जाएगी।
साइबर हेल्पलाइन पर बहू ने की कॉल, थाने भी पहुंचीं

पुलिस के मुताबिक श्यामबाबू का घर में अलग कमरा है। वह उसी कमरे में तीन दिन तक ठगों की निगरानी में रहे और अपने खातों व लेनदेन के कागजात जुटाते रहे। ठगों के निर्देश पर 10 जनवरी को श्यामबाबू बैंक गए। वहां अपनी एफडी भी तुड़वा डालीं। 
फिर साइबर ठगों के झांसे में आकर उनके बताए खाते में 19 लाख रुपये जमा कर दिए। जब खाते में रुपये वापस नहीं आए तो श्यामबाबू बेचैन हो गए। उन्हें ठगी का अहसास होने लगा पर वह डर और झिझक में किसी को कुछ बता नहीं पा रहे थे। ससुर का परेशान चेहरा और हावभाव देखकर उनकी पुत्रवधू अपर्णा शर्मा माजरा समझ गईं। 

उन्होंने श्यामबाबू शर्मा से पूरी बात पूछकर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर दी। तत्काल ही उन्हें लेकर साइबर थाने आ गईं और यहां शिकायत कर दी। इसके बाद साइबर थाना पुलिस ने प्राथमिकता से रकम फ्रीज करा दी। साइबर क्राइम थाने में अब रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
झांसे या डर में न आएं, तत्काल करें शिकायत

बड़े घर में परिवार के साथ रहने वाले बुजुर्ग साइबर ठगों की बातों में आ गए और रुपये गंवा बैठे। उनकी पुत्रवधू ने जरूर हालात समझे और शिकायत कर दी। यही वजह रही जो इनकी रकम समय रहते फ्रीज करा दी गई। अब कोर्ट की प्रक्रिया के बाद रकम परिवार को वापस मिल सकती है। डिजिटल अरेस्ट व अन्य तरह से साइबर ठगी करने वाले आपको धमकाते या लालच देते हैं। आपको चाहिए कि किसी तरह के झांसे में न आएं। डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती है। पुलिस या कोई और एजेंसी कभी ऐसा नहीं करती। इसलिए डरने के बजाय ठगों की बात अनसुनी कर कॉल काट दें। नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें। सबसे पहले 1930 पर कॉल करना न भूलें।- नीरज सिंह, इंस्पेक्टर साइबर थाना