'एमपी से अच्छा कुछ नहीं..,' सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कैसे हो रहा प्रदेश का विकास, क्या है रोड मैप?

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘समृद्ध मध्यप्रदेश@2047’ दृष्टि पत्र का विमोचन किया। उद्योग आधारित प्रदर्शनी में राज्य की प्रगति और निवेश की झलक दिखी।

'एमपी से अच्छा कुछ नहीं..,' सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कैसे हो रहा प्रदेश का विकास, क्या है रोड मैप?

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित
निवेश और उद्योगों पर आधारित प्रदर्शनी में दिखी राज्य की संपन्नता
सीएम डॉ. यादव ने लॉन्च किया 'समृद्ध मध्यप्रदेश@2047' दृष्टि पत्र 

भोपाल। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रवीन्द्र भवन में 'समृद्ध मध्यप्रदेश@2047' दृष्टि पत्र का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने उद्योग पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में दिखाया गया है कि राज्य उद्योगों के मामले में कितना विकसित और आगे है। कार्यक्रम में एमपी ई-सेवा पोर्टल, “Wash on Wheels” मोबाइल ऐप का लोकार्पण भी किया गया। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में प्रदेश की 27वीं वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनेगी। इस सेंचूरी में टाइगर के साथ-साथ भालू, सोन कुत्ता जैसे जीवों की उपलब्धता रहेगी। है। विजन-2047 को लेकर हम सबकी भावना है कि हम अपने प्रदेश के भविष्य का आगामी 25 वर्ष का रोड मैप बनाएं। हमारे प्रदेश में 8 एयरपोर्ट पहले से हैं 9वें एयरपोर्ट का एयरपोर्ट अथॉरिटी के विपिन कुमार ने श्री गणेश किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश 70वें साल में प्रवेश कर रहा है। 1956 में तीन-चार राज्यों को मिलाकर मध्यप्रदेश का निर्माण हुआ। इसमें मध्यभारत, मालवा-चंबल का बेल्ट, सेंट्रल प्रोविंस, बरार का कुछ हिस्सा, महाकौशल और विंध्य को शामिल किया गया। प्रदेश को देश के दिल की उपमा दी गई है। हमारा दिल स्वस्थ्य, संपन्न होगा तो शरीर अपने आप स्वस्थ रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में बदलाव का नया दौर चल रहा है। हमारे राज्य में हर तरह के विकास की संभावनाएं हैं। मध्यप्रदेश उद्योग एवं रोजगार के विकास के साथ अपना विजन डॉक्यूमेंट लॉन्च कर रहा है। सिंहस्थ 2028 के भव्य आयोजन के लिए विकास कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 30 किलोमीटर के घाट तैयार किए जा रहे हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से 6 करोड़ के एमओयू हुए। इसे जीआईएस के आंकड़े में जोड़ लिया जाए तो 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्राप्त है और इससे 6 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेती के विकास के लिए सिंचाई सुविधाओं का विकास हो रहा है। नदियों को जोड़ने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ तीन एमओयू किए गए हैं। धार में प्रधानमंत्री मोदी ने कपास उत्पादक किसानों को बड़ी सौगात दी है। रायसेन जिले में रेल कोच फैक्ट्री के लिए भूमि आवंटन हो चुका है। 

हर सेक्टर में हो रहा विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार पीपीपी मॉडल पर जोर देकर प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 1 रुपये लीज पर 25 एकड़ भूमि दे रही है। प्रदेश में नए तकनीकी महाविद्यालयों की शुरुआत की जाएगी, जिससे उद्योग अनुरूप स्किल वर्कफोर्स तैयार की जा सके। राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा में एक हेलीपेड और स्पोर्ट स्टेडियम तैयार कर रही है। इंदौर-मनमाड़ के बीच नई रेल लाइन व्यापार के नए द्वार खोलेगी। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच ढाई सौ किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। खंडवा के रास्ते नई रेल लाइन की सौगात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश को दी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर वाकणकर के नाम पर भोपाल के पास रातापानी नया टाइगर अभ्यारण्य बनाया गया है। दूसरा अभ्यारण्य माधव टाइगर रिजर्व। चीता मध्यप्रदेश में अपना कुनबा बढ़ा रहा है। प्रदेश के अभ्यारण्यों में जल्द ही गैंडा, जंगली भैंसा भी नजर आएगा।


राज्य की संपन्नता-भव्यता दिखाती प्रदर्शनी
रवींद्र भवन में निवेश और उद्योगों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें दिखाया गया कि किस-किस क्षेत्र में कौन-कौन सी कंपनियां निवेश कर रही हैं। इसके अलावा यह भी दर्शाया गया कि इस निवेश के साथ कितने लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदर्शनी में बताया कि एजीआई ग्रीनपैक 1500 करोड़, बीईएमएल 1800 करोड़, सीईटीपी करीब 48 करोड़, मंडीदीप के प्ले-प्लग पार्क में 76 करोड़ और मोहासा-बाबई इंडस्ट्रियल पार्क में 59 हजार करोड़ का निवेश होगा। इसके अलावा भी कई कंपनियां करोड़ों रुपये का निवेश करेंगी। इनसे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। 

यहां दिखा मध्यप्रदेश का अभ्युदय
इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड आयोजित “अभ्युदय मध्यप्रदेश” प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी में प्रदेश के वैभवशाली अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उज्ज्वल भविष्य की झलक दिखाई गई। चित्रों और छायाचित्रों के माध्यम से प्रदेश की गौरवगाथा को सजीव रूप में प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में विकसित मध्यप्रदेश 2047, राजा विक्रमादित्य और उनके समय की मुद्राएं, प्रदेश की बावड़ियां, पारंपरिक कला, विरासत से विकास तक की यात्रा, और देवलोक - मंदिर स्थापत्य जैसी कलाएं शामिल की गईं। इस प्रदर्शनी में लोगों को जरी-जरदोजी का स्टॉल बेहद पसंद आया। इस स्टॉल को लगाने वाली फैशन डिजाइनर ताजवर खान ने बताया कि मेरे साथ 15 महिलाएं और 15 पुरुष जुड़े हुए हैं। ये सभी इस कला को मेरे साथ आगे बढ़ा रहे हैं। इनक के माध्यम से मैं रोज़गार सृजन, प्रशिक्षण और हस्तशिल्प संरक्षण का काम कर रही हूं। मेरा उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है।