मध्यप्रदेश, विकास-सुशासन और संस्कृति तीनों ही क्षेत्रों में है अग्रणी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ प्रदर्शनी का शुभारंभ किया, जिसमें प्रदेश की गौरव गाथा और सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित हुई।
मुख्यमंत्री ने अभ्युदय मध्यप्रदेश के अंतर्गत गौरव गाथा दर्शाने वाली प्रदर्शनियों का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारा मध्यप्रदेश प्राचीन काल से ही समृद्ध रहा है। यहां की संस्कृति, शिल्प कला, ऐतिहासिक चरित्र, विरासत इत्यादि देख, सभी को गर्व की अनुभूति होती है। प्रदेश के गठन से लेकर अब तक की यात्रा को देखने पर गर्व होता है हमारा प्रदेश विकास, सुशासन और संस्कृति तीनों ही क्षेत्रों में अग्रणी बन चुका है। पिछले दो दशकों में हुई विकास और जनकल्याण की गतिविधियों ने राज्य को प्रगति के नए सौपान पर पहुंचाया है। आना वाला समय प्रदेशवासियों के सामूहिक परिश्रम, नवाचार और संकल्प का होगा। विकसित मध्यप्रदेश 2047 का लक्ष्य केवल शासन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि हर नागरिक का संकल्प है। यह ऐसा ध्येय है, जिसमें हर गांव, हर शहर और व्यक्ति की भागीदारी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर मध्यप्रदेश के वैभवशाली अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उज्जवल भविष्य को चित्रों व छाया चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करती प्रदर्शनी "अभ्युदय मध्यप्रदेश" का लाल परेड ग्राउंड पर शुभारंभ कर अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद मीडिया से चर्चा में उक्त विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का लाल परेड ग्राउंड पहुंचने पर पारंपरिक नृत्य करते युवक-युवतियों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलाकारों से संवाद कर उनका उत्साह उत्साहवर्धन किया। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए कलाकारों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अपनी परंपराओं के अनुसार अभिवादन किया। प्रदर्शनियों में विकसित मध्यप्रदेश 2047, मध्यप्रदेश के गौरव, विक्रमादित्य और अयोध्या, विक्रमादित्य की मुद्राएं और सिक्के, आर्ष भारत, मध्य प्रदेश की बावड़ियां, प्रदेश की पारंपरिक कला, प्रदेश में विरासत से विकास, प्रदेश के मंदिर-देवलोक शामिल हैं।