13 साल से पहले स्मार्टफोन उपयोग युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा : वैश्विक अध्ययन
एक वैश्विक अध्ययन में पाया गया कि 13 साल से पहले स्मार्टफोन पाने वाले युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, आत्महत्या के विचार और आक्रामकता की संभावना अधिक होती है।

एक वैश्विक अध्ययन ने चेतावनी दी है कि 13 साल की उम्र से पहले स्मार्टफोन पाने वाले बच्चे जब बड़े होते हैं तो उनमें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। यह अध्ययन हाल ही में Journal of Human Development and Capabilities में प्रकाशित हुआ है और इसमें 100,000 से अधिक युवाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया है।
अध्ययन के अनुसार, 18 से 24 वर्ष की आयु के वे युवा जिन्होंने 12 साल या उससे पहले स्मार्टफोन पाया, उनमें आत्महत्या के विचार, आक्रामकता, वास्तविकता से दूरी, कमजोर भावनात्मक नियंत्रण और आत्मसम्मान की कमी जैसी समस्याएं अधिक देखी गईं।
मुख्य निष्कर्ष
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जल्दी स्मार्टफोन पाने वालों में आत्महत्या के विचार, आक्रामकता और वास्तविकता से अलगाव जैसी समस्याएं सबसे अधिक पाई गईं।
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जिन युवाओं को 13 साल की उम्र में स्मार्टफोन मिला उनका Mind Health Quotient (MHQ) स्कोर 30 रहा, जबकि 5 साल की उम्र में स्मार्टफोन पाने वालों का स्कोर केवल 1 था।
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प्रभावित युवाओं में मानसिक संघर्ष और गंभीर लक्षणों की संभावना लड़कियों में 9.5% और लड़कों में 7% अधिक रही।
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लड़कियों में आत्मछवि, आत्मसम्मान और भावनात्मक दृढ़ता कमजोर हुई, वहीं लड़कों में स्थिरता, सहानुभूति और आत्मविश्वास की कमी देखी गई।
कारण और प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि इन नकारात्मक प्रभावों के पीछे मुख्य कारण सोशल मीडिया की समय से पहले पहुंच (40%), खराब पारिवारिक संबंध (13%), साइबरबुलिंग (10%) और नींद की कमी (12%) हैं।
Sapien Labs की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. तारा थियागराजन ने कहा,
“हमारे आंकड़े दिखाते हैं कि जल्दी स्मार्टफोन और सोशल मीडिया तक पहुंच मानसिक स्वास्थ्य में गहरी गिरावट लाती है। इसके परिणाम केवल अवसाद और चिंता तक सीमित नहीं रहते, बल्कि आक्रामकता, आत्महत्या के विचार और वास्तविकता से दूरी जैसे गंभीर लक्षण भी सामने आते हैं।”
नीतिगत सिफारिशें
अध्ययनकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने चार प्रमुख सिफारिशें दीं:
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डिजिटल साक्षरता और मानसिक स्वास्थ्य की अनिवार्य शिक्षा।
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सोशल मीडिया पर आयु सीमा उल्लंघन की सख्त निगरानी और कंपनियों पर दंडात्मक कार्रवाई।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बच्चों की पहुंच सीमित करना।
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स्मार्टफोन उपयोग पर क्रमिक प्रतिबंध लागू करना।
वैश्विक संदर्भ
दुनियाभर में बच्चों को स्मार्टफोन देने की औसत आयु लगातार घट रही है। कई देश जैसे फ्रांस, नीदरलैंड्स, इटली और न्यूजीलैंड पहले ही स्कूलों में स्मार्टफोन उपयोग पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। हाल ही में न्यूयॉर्क ने भी स्कूलों में स्मार्टफोन प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, जिससे यह कदम उठाने वाला अमेरिका का सबसे बड़ा राज्य बन गया।
हालांकि शोधकर्ता यह मानते हैं कि यह केवल एक कारण नहीं है, लेकिन प्रारंभिक स्मार्टफोन उपयोग मानसिक स्वास्थ्य गिरावट का एक बड़ा कारक है। वे कहते हैं कि जब तक ठोस प्रमाण न मिलें, तब तक प्रतीक्षा करना बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है।