कारगिल विजय दिवस: वीर जवानों की शहादत और पराक्रम को राष्ट्र का नमन

कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। 1999 के ऑपरेशन विजय की सफलता और जवानों के अद्भुत पराक्रम को याद करता है यह दिन।

कारगिल विजय दिवस: वीर जवानों की शहादत और पराक्रम को राष्ट्र का नमन

देशभर में आज कारगिल विजय दिवस पूरे सम्मान और गर्व के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साहस, बलिदान और देशभक्ति को याद किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में प्राणों का बलिदान दिया। यह दिन उनकी वीरता और समर्पण का प्रतीक है जो आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “यह दिन हमें उन जांबाज सैनिकों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत मां के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। हम उनके साहस को नमन करते हैं।”

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, “कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीरों को नमन करता हूं जिन्होंने दुर्गम परिस्थितियों में भी अद्वितीय पराक्रम और संकल्प का परिचय देते हुए देश की रक्षा की। भारत उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी वीर सैनिकों को नमन करते हुए उनके परिजनों के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि शहीदों की बहादुरी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी।

हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस, 1999 के ऑपरेशन विजय की सफलता की याद दिलाता है, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल की ऊंची चोटियों से खदेड़कर भारतीय क्षेत्र पर दोबारा कब्जा जमाया था। शुरुआत में पाकिस्तान ने घुसपैठ से इनकार किया, लेकिन बाद में मारे गए सैनिकों के दस्तावेज़ों और पकड़े गए सैनिकों के बयानों से साबित हो गया कि यह हमला पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बलों द्वारा सुनियोजित था।

कारगिल युद्ध में भारतीय जवानों ने -50 डिग्री की ठंड, दुर्गम पहाड़ों और ऊंची दुश्मन चौकियों के बावजूद असाधारण साहस का प्रदर्शन किया। यह दिवस भारतीय सेना की अडिग राष्ट्रभक्ति, वीरता और बलिदान का प्रतीक बन चुका है।