महिलाओं के लिए बड़ी स्वास्थ्य उपलब्धि: 10 करोड़ से अधिक महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर जांच पूरी
भारत में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य की दिशा में बड़ी उपलब्धि, अब तक 10.18 करोड़ महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर जांच पूरी। NHM और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की मदद से सरकार की रोकथाम आधारित स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा।

देश में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर एक महत्वपूर्ण सफलता सामने आई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अब तक 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र की 10.18 करोड़ महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर के लिए जांच की जा चुकी है। यह कार्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (AAMs) के माध्यम से किया गया है।
इस पहल का उद्देश्य गैर-संचारी रोगों (NCDs) की समय रहते पहचान, रोकथाम और बेहतर प्रबंधन करना है। जांच 30 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए की जाती है, जिसमें प्रमुख रूप से "विजुअल इंस्पेक्शन विथ एसीटिक एसिड" (VIA) तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह जांच प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सब-हेल्थ सेंटर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाती है। VIA पॉजिटिव मामलों को उन्नत केंद्रों पर भेजा जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता इस अभियान की प्रमुख ताकत हैं। वे कम्युनिटी बेस्ड असेसमेंट चेकलिस्ट (CBAC) के माध्यम से जोखिम में रहने वाली महिलाओं की पहचान करती हैं और उन्हें जांच के लिए प्रेरित करती हैं। साथ ही, वे स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच के लिए महिलाओं को जागरूक भी करती हैं।
स्वस्थ जीवन के लिए जागरूकता अभियान जैसे राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस और विश्व कैंसर दिवस के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जाती है। इसके लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाता है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके कार्यक्रम क्रियान्वयन योजनाओं (PIPs) के अनुसार NHM के तहत विशेष फंड भी दिए जाते हैं।
इसके अलावा, 20 फरवरी से 31 मार्च 2025 तक एक विशेष एनसीडी जांच अभियान चलाया गया, जिससे जांच की रफ्तार और बढ़ी। राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल के अनुसार 20 जुलाई 2025 तक 25.42 करोड़ पात्र महिलाओं में से 10.18 करोड़ महिलाओं की जांच हो चुकी है। यह उपलब्धि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से सरकार की रोकथाम आधारित स्वास्थ्य सेवा की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।