जीएसटी सुधार: दवाओं और स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स कम, आम जनता को राहत
भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने के लिए दवाओं, मेडिकल उपकरणों, बीमा और पोषण पर जीएसटी दरों में बड़े सुधार किए।

भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ती और सबके लिए सुलभ बनाने के उद्देश्य से जीएसटी दरों में व्यापक सुधार की घोषणा की है। इन सुधारों का उद्देश्य दवाओं, मेडिकल उपकरणों और स्वास्थ्य से जुड़े अन्य उत्पादों की लागत कम करना, बीमा कवरेज बढ़ाना और पोषण तथा फिटनेस सेवाओं को किफायती बनाना है। यह पहल आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और फिट इंडिया मूवमेंट जैसी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कदम आम नागरिकों के जीवन को सरल बनाएगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने इसे जीवन आसान बनाने और परिवारों को वित्तीय राहत देने वाला बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि ये सुधार बहु-क्षेत्रीय और बहु-विषयक हैं, जिनका लक्ष्य जीवन और व्यवसाय दोनों को आसान बनाना है।
दवाओं और फार्मास्युटिकल उत्पादों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है। इससे गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और कैंसर का इलाज सस्ता होगा। मेडिकल उपकरण, एनेस्थेटिक्स, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, ग्लव्स, थर्मामीटर आदि पर भी 5% जीएसटी लागू होगा। चश्मे, लेंस और कॉन्टैक्ट लेंस पर भी कर घटाकर 5% किया गया है।
स्वास्थ्य बीमा (इंडिविजुअल, फैमिली फ्लोटर और सीनियर सिटीजन प्लान) पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है, जिससे प्रीमियम सस्ता होगा और अधिक परिवार बीमा कवरेज का लाभ उठा सकेंगे। दूध, पनीर, ड्राई फ्रूट्स, मछली और जूस-बेस्ड पेय पदार्थों पर टैक्स घटाकर 5% किया गया है। जिम और फिटनेस सेंटर पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया है।
सरकार ने हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू, पान मसाला और शक्करयुक्त पेय पदार्थों पर कोई टैक्स रियायत नहीं दी है। कुल मिलाकर ये सुधार स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाने तथा कर प्रणाली को नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।