अमित शाह बोले – नए आपराधिक कानूनों से न्याय व्यवस्था हुई तेज, सरल और सुलभ
गृहमंत्री अमित शाह ने जयपुर में कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों से न्याय व्यवस्था तेज, सरल और सुलभ हुई है। उन्होंने इसे 21वीं सदी के सबसे बड़े न्यायिक सुधारों में से एक बताया और स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि पिछले वर्ष लागू किए गए तीन ऐतिहासिक आपराधिक कानूनों ने देश की न्यायिक प्रणाली को तेज, सरल और अधिक सुलभ बना दिया है। उन्होंने इन कानूनों को "ईज़ ऑफ जस्टिस" यानी न्याय की सरलता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
अमित शाह जयपुर में आयोजित एक राज्यस्तरीय प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जो नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि ये कानून व्यापक चर्चा और सैकड़ों लोगों के सुझावों को शामिल करने के बाद बनाए गए हैं।
अपने संबोधन में शाह ने बताया कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से पीड़ितों को समयबद्ध न्याय सुनिश्चित किया गया है और इसे 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण न्यायिक सुधारों में से एक करार दिया।
कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री ने नागरिकों से स्वदेशी अपनाने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में केवल देश में निर्मित उत्पादों का उपयोग करे, तो घरेलू उत्पादन में तेजी आएगी, जिससे भारत के विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प को 2047 तक पूरा करने में मदद मिलेगी।
इसी कार्यक्रम में अमित शाह ने 9,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ किया और राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के दौरान हस्ताक्षरित 4 लाख करोड़ रुपये के एमओयू के भूमिपूजन की प्रक्रिया शुरू की। इसके अलावा, उन्होंने विद्यार्थियों की वर्दी के लिए 260 करोड़ रुपये और दुग्ध उत्पादकों को दूध सब्सिडी के रूप में 364 करोड़ रुपये का वितरण भी किया।