भारत बनेगा हरित परिवहन और ऑटोमोबाइल विनिर्माण का वैश्विक केंद्र: नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘सेव इंटरनेशनल 2025 वैल्यू समिट’ में भारत को ऑटोमोबाइल विनिर्माण, हरित गतिशीलता और सड़क बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में विश्व अग्रणी बनाने की योजना पेश की।

भारत बनेगा हरित परिवहन और ऑटोमोबाइल विनिर्माण का वैश्विक केंद्र: नितिन गडकरी

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘सेव इंटरनेशनल 2025 वैल्यू समिट’ में भारत को ऑटोमोबाइल विनिर्माण, हरित गतिशीलता और सड़क बुनियादी ढांचे में वैश्विक अग्रणी बनाने की महत्वाकांक्षी योजना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि भारत अब जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है और आने वाले 5 वर्षों में इसे पहले स्थान पर लाने का लक्ष्य है।

गडकरी ने बताया कि अब सभी वैश्विक ऑटोमोबाइल ब्रांड भारत में मौजूद हैं और उनका ध्यान केवल असेंबलिंग से हटकर भारत से वाहनों के निर्यात पर केंद्रित है। विशेष रूप से, भारत का दोपहिया क्षेत्र अपने उत्पादन का 50% से अधिक निर्यात करता है, जो देश की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत कर रहा है।

हाइड्रोजन और वैकल्पिक ईंधन में भारत अग्रणी

परिवहन मंत्री ने कहा कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन ईंधन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत ने पहले ही हाइड्रोजन ट्रक लॉन्च कर दिए हैं और 10 मार्गों पर पायलट प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, रिलायंस और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियों के सहयोग से सरकार ने 600 करोड़ रुपये का अनुदान हाइड्रोजन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए दिया है।

इसके अलावा, आइसोब्यूटानॉल और बायो-बिटुमेन जैसे नए ईंधन विकल्पों पर भी सक्रिय परीक्षण हो रहा है। गडकरी ने बताया कि चावल के भूसे से बने बायो-बिटुमेन ने पेट्रोलियम-आधारित बिटुमेन से बेहतर परिणाम दिए हैं और पराली जलाने की समस्या कम करने में मदद की है।

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क

गडकरी ने कहा कि भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला देश है। आधुनिक एक्सप्रेसवे और रिंग रोड से यात्रा समय में क्रांतिकारी बदलाव आया है। उदाहरणस्वरूप, पानीपत से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी अब 35 मिनट में पूरी की जा सकती है। उन्होंने चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे और 23,000 करोड़ की लागत से बेंगलुरु रिंग रोड जैसी परियोजनाओं को शहरी संपर्क और भीड़भाड़ कम करने के लिए अहम बताया।

कचरे को संपदा में बदलने की पहल

गडकरी ने कहा कि सरकार कचरे को संपदा में बदलने के मिशन पर काम कर रही है। गाजीपुर लैंडफिल से निकाले गए 80 लाख टन से अधिक कचरे का इस्तेमाल सड़क निर्माण में किया गया है, जिससे कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई सात मीटर कम हो चुकी है।

वैश्विक साझेदारी का आह्वान

गडकरी ने प्रीकास्ट रोड कंस्ट्रक्शन, सुरंग निर्माण इंजीनियरिंग, हाइड्रोजन परिवहन प्रणाली और चक्रीय अर्थव्यवस्था (रीयूज, रिपेयर, रिन्यू और रीसायकल) समाधानों पर वैश्विक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले समय में ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन का ग्लोबल हब बनेगा।