जोशीमठ: दरकते, धंसते, तबाह होते शहर के मुक़द्दर में क्या लिखा है- ग्राउंड रिपोर्ट

जोशीमठ में जिन लोगों का बसेरा उजड़ा है वो भाग्य को रो रहे हैं, लेकिन क्या कहानी यहीं ख़त्म हो जाएगी या ये केवल संकेत हैं और भविष्य के गर्भ में कुछ और छुपा है.

जोशीमठ: दरकते, धंसते, तबाह होते शहर के मुक़द्दर में क्या लिखा है- ग्राउंड रिपोर्ट
जोशीमठ में जिन लोगों का बसेरा उजड़ा है वो भाग्य को रो रहे हैं, लेकिन क्या कहानी यहीं ख़त्म हो जाएगी या ये केवल संकेत हैं और भविष्य के गर्भ में कुछ और छुपा है.