भारत का निर्यात 825 अरब डॉलर पर, नए समझौतों से उद्योग को मिलेगी बढ़त
भारत का निर्यात वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 825 अरब डॉलर पर पहुंचा, जो पिछले वर्ष से 6.01% ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह उपलब्धि भारतीय उद्योग की मजबूती और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आत्मविश्वास का प्रतीक है।

भारत का निर्यात वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक के सर्वाधिक स्तर 825 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 6.01 प्रतिशत अधिक है। इस उपलब्धि की जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दी। उन्होंने कहा कि यह भारतीय उद्योग की मजबूती और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आत्मविश्वास को दर्शाता है। गोयल ने विश्वास जताया कि आने वाले महीनों में भारत का निर्यात और ऊंचाई पर पहुंचेगा।
दिल्ली में आयोजित ‘भारत बिल्डकॉन 2026’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि भारत विकसित देशों के साथ तेजी से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) कर रहा है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, यूएई, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा यूरोपीय संघ (EU) और अन्य देशों से भी बातचीत जारी है। इन समझौतों से स्टील, कंस्ट्रक्शन और सहयोगी उद्योगों को नए अवसर मिलेंगे।
गोयल ने स्पष्ट किया कि रूस से तेल आयात करने के कारण अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाने जैसे कदमों से भारतीय उद्योग पर बोझ न बढ़े, इसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने उद्योगों से अपील की कि वे ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें जहां वैकल्पिक बाजारों की जरूरत है।
स्टील निर्यात को लेकर उन्होंने कहा कि भारत हर साल 1.5 करोड़ टन स्टील का निर्यात कर सकता है। भारतीय स्टील उच्च गुणवत्ता वाला और किफायती है, जिससे भारत की निर्यात टोकरी और मजबूत होगी।
सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया में लगभग 10 लाख घरों की कमी का उल्लेख करते हुए गोयल ने भारतीय उद्योगों और पेशेवरों से आग्रह किया कि वे इस मौके का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया भारत से वित्तीय सहयोग, तकनीकी विशेषज्ञता और कार्यबल के लिए तैयार है। इसके लिए भारतीय पेशेवरों को ऑस्ट्रेलियाई मानकों के अनुरूप ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन भी दिए जा रहे हैं।
गोयल ने घरेलू खपत पर भी जोर दिया और कहा कि आने वाली जीएसटी काउंसिल बैठक में ऐसे फैसले हो सकते हैं जो मांग को तुरंत बढ़ावा देंगे और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी क्षेत्र पीछे न रहे और भारत एक भरोसेमंद वैश्विक आपूर्तिकर्ता बने। इसके लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCOs) में उद्योगों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की क्षमता को कुछ विशेषज्ञ और मीडिया सही तरह से नहीं आंक पा रहे हैं। भारत ने कोविड-19 और परमाणु प्रतिबंध जैसी चुनौतियों का सामना किया है और अब वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ाने के लिए तैयार है।
उन्होंने बताया कि ‘भारत बिल्डकॉन 2026’ का आयोजन 29 अप्रैल से 2 मई 2026 तक दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में होगा। इसमें सीमेंट, सिरेमिक्स, टाइल्स, सैनिटरीवेयर, पेंट्स, हार्डवेयर और इलेक्ट्रिकल्स सहित 37 सहयोगी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। यह आयोजन भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देगा, निवेश आकर्षित करेगा और भारत को एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।