फिट इंडिया साइकिल संडे: युवाओं ने दिया स्वास्थ्य और पर्यावरण का संदेश
फिट इंडिया साइकिल संडे कार्यक्रम के तहत युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का संदेश दिया। साइकिलिंग के ज़रिए फिटनेस और जागरूकता का प्रसार।

भारतीय डाक के सहयोग से रविवार को "फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल" कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर फिटनेस के महत्व को रेखांकित किया और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का संदेश दिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को साइकिलिंग जैसी सरल लेकिन प्रभावशाली गतिविधि के ज़रिए रोज़ाना की जिंदगी में फिट रहने की प्रेरणा देना था। प्रतिभागियों ने साइकिल चलाते हुए न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाई, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया।
कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने इस बात पर जोर दिया कि बदलती जीवनशैली में बाइक और कार के बजाय साइकिल को प्राथमिकता देना चाहिए। श्रीलंका में 2024 की दक्षिण एशियाई अंडर-16 बास्केटबॉल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले शेखर राठी ने कहा कि अगर नई पीढ़ी बाइक-गाड़ी छोड़कर साइकिल चलाना शुरू करे, तो स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार भी इस पहल को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सहयोग कर रही है।
कृष्णा सुनेरिया ने अपनी बात में कहा कि मौजूदा दौर की व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली में साइकिल चलाना एक ज़रूरी आदत बन जानी चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अक्सर लोग पास के ऑफिस या दुकान जाने के लिए भी गाड़ी का उपयोग करते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। इसके बजाय अगर लोग साइकिल का उपयोग करें तो न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।
प्रतिभागी अंश तोमर ने भी फिटनेस के महत्व को दोहराते हुए कहा कि यूथ को साइकिलिंग के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह एक ऐसा व्यायाम है जो शरीर को सक्रिय और चुस्त बनाए रखता है।
यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में शुरू किए गए "फिट इंडिया मूवमेंट" का हिस्सा है। इस अभियान का मकसद लोगों को हर रविवार योग, साइकिलिंग और खेल जैसी गतिविधियों के ज़रिए एक सक्रिय जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। फिट इंडिया साइकिल संडे न सिर्फ स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज में फिटनेस और जागरूकता का एक सकारात्मक संदेश भी फैलाता है।