नई दवा से कैंसर और मोटापा दोनों पर असर – प्रारंभिक शोध

नई एंटी-ओबेसिटी दवा तिर्जेपाटाइड ने चूहों में मोटापे से जुड़े स्तन कैंसर की वृद्धि को कम किया। यह अध्ययन ENDO 2025 में प्रस्तुत किया गया।

नई दवा से कैंसर और मोटापा दोनों पर असर – प्रारंभिक शोध

ENDO 2025 सम्मेलन में पेश हुआ अध्ययन

सान फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में आयोजित एंडोक्राइन सोसाइटी की वार्षिक बैठक ENDO 2025 में प्रस्तुत एक अध्ययन में पाया गया कि एंटी-ओबेसिटी दवा तिर्जेपाटाइड (डायबिटीज के लिए माउंटजारो और मोटापे के लिए ज़ेपबाउंड के रूप में बाजार में उपलब्ध) ने मोटापे से जुड़े स्तन कैंसर की वृद्धि को चूहों में कम किया।

मोटापा और स्तन कैंसर: क्या है संबंध?

अध्ययन की प्रमुख लेखिका और मिशिगन यूनिवर्सिटी में पीएच.डी. की छात्रा अमांडा कुसिंस्कास ने बताया कि “मोटापा स्तन कैंसर का एक बड़ा जोखिम कारक है, और जबकि यह डेटा अभी प्रारंभिक है, फिर भी हमारे चूहे पर किए गए अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ये नई दवाएं स्तन कैंसर के जोखिम को कम कर सकती हैं या परिणामों में सुधार ला सकती हैं।”

पहले के शोधों से यह पता चला है कि मोटापा स्तन कैंसर के परिणामों को और अधिक गंभीर बना सकता है, जबकि वजन कम करने से सुधार हो सकता है। हालांकि, पारंपरिक तरीकों से वजन घटाना कई बार मुश्किल होता है।

तिर्जेपाटाइड का असर: मोटापा और कैंसर दोनों पर

शोधकर्ताओं ने GLP-1 और GIP रिसेप्टर्स को लक्षित करने वाली इस नई दवा की क्षमता को परखा। अध्ययन में 16 मोटे चूहों को शामिल किया गया, जिन्हें हाई-फैट डाइट दी गई थी। 32 सप्ताह की उम्र के बाद, चूहों को दो समूहों में बाँटकर 16 हफ्तों तक एक समूह को तिर्जेपाटाइड और दूसरे को प्लेसबो दिया गया।

परिणामों में देखा गया कि जिन चूहों को तिर्जेपाटाइड दी गई, उनका वजन और शरीर में फैट लगभग 20% तक घट गया, ठीक वैसे ही जैसे इंसानों में यह दवा प्रभाव दिखाती है। यह वज़न कम मुख्य रूप से फैट टिशू में कमी के कारण हुआ।

ट्यूमर के आकार में भी दिखा अंतर

अध्ययन के अंत में यह पाया गया कि जिन चूहों को दवा दी गई, उनमें ट्यूमर का आकार नियंत्रण समूह की तुलना में काफी छोटा था। इसके साथ ही शरीर का वजन, फैट मास और लिवर में जमा फैट की मात्रा सीधे तौर पर ट्यूमर के आकार से संबंधित पाई गई।

आगे क्या?

कुसिंस्कास ने बताया, “हालांकि ये शुरुआती परिणाम हैं, लेकिन ये इस ओर इशारा करते हैं कि तिर्जेपाटाइड न केवल मोटापा कम करती है, बल्कि स्तन कैंसर के इलाज में भी मददगार हो सकती है।” अब इस दवा के विशेष प्रभावों को और गहराई से समझने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के डॉ. स्टीव हर्स्टिंग की लैब के साथ मिलकर और अध्ययन किए जा रहे हैं।

Disclaimer:
यह लेख किसी अध्ययन पर आधारित है। firstpagenews.com इस लेख में व्यक्त विचारों, निष्कर्षों या दावों के लिए किसी प्रकार की ज़िम्मेदारी नहीं लेता है। प्रस्तुत जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्य से साझा की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।