भारत-सिंगापुर संबंधों के 60 वर्ष: ‘पार्टनरशिप फॉर ग्रोथ एंड एंगेजमेंट’ बिजनेस सत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मिला नया आयाम

सिंगापुर में आयोजित ‘इंडिया-सिंगापुर @60: पार्टनरशिप फॉर ग्रोथ एंड एंगेजमेंट’ बिजनेस सत्र में भारत और सिंगापुर के बीच 60 वर्षों की कूटनीतिक साझेदारी का जश्न मनाया गया।

भारत-सिंगापुर संबंधों के 60 वर्ष: ‘पार्टनरशिप फॉर ग्रोथ एंड एंगेजमेंट’ बिजनेस सत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मिला नया आयाम

सिंगापुर में 4 अक्टूबर 2025 को ‘इंडिया-सिंगापुर @60: पार्टनरशिप फॉर ग्रोथ एंड एंगेजमेंट’ नामक बिजनेस सत्र का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत और सिंगापुर के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस आयोजन का संयुक्त रूप से फिक्की (FICCI), सीआईआई (CII) और एसोचैम (ASSOCHAM) द्वारा आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भाग लिया। उन्होंने अपने संबोधन में पिछले छह दशकों में दोनों देशों के बीच हुए उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की और भरोसे, आपसी सम्मान तथा विविध क्षेत्रों में सहयोग पर आधारित गहरे द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच सस्टेनेबिलिटी, डिजिटलाइजेशन, स्किल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य सेवा, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर मौजूद हैं।

सिंगापुर की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की राज्य मंत्री सुश्री गण सियाओ हुआंग ने भारत-सिंगापुर के लंबे और मजबूत संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और नवाचार आधारित साझेदारी को और सशक्त बनाया जाएगा।

सत्र में भारत और सिंगापुर दोनों देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के प्रमुखों और व्यावसायिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने तथा तकनीक, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, हरित ऊर्जा, औद्योगिक पार्कों, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्रों में नए सहयोग के मार्ग प्रशस्त किए।

बिजनेस सत्र का समापन नेटवर्किंग लंच के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने आपसी सहयोग और ठोस व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की।

द्विपक्षीय निवेश बैठकें और प्रमुख चर्चाएँ:
सत्र के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की गईं जिनमें वैश्विक निवेशकों और कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने भारत के साथ सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।

  • सेम्बकॉर्प ग्रुप के अध्यक्ष एवं सीईओ वोंग किम यिन ने नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।

  • केपेल कॉर्पोरेशन के सीईओ लोह चिन हुआ ने रियल एस्टेट, वेस्ट-टू-एनर्जी और डिजिटल कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर साझेदारी पर चर्चा की।

  • ब्लैकस्टोन सिंगापुर के चेयरमैन गौतम बनर्जी, अमित दीक्षित और अरविंद कृष्णा ने भारत में बढ़ते निवेश पोर्टफोलियो पर संवाद किया।

  • TPG के चेयरमैन जिम कौल्टर ने भारत के तेज़ी से बढ़ते निवेश क्षेत्रों में अवसरों पर प्रकाश डाला।

  • स्कैंडिनेविस्का एन्स्किल्डा बैंकन और साब एबी के चेयरमैन मार्कस वालेंबर्ग तथा EQT एशिया के सीईओ जीन सालाटा ने वित्त, प्रौद्योगिकी और उन्नत उद्योगों में साझेदारी की संभावनाओं पर जोर दिया।

  • श्नाइडर इलेक्ट्रिक के कार्यकारी उपाध्यक्ष मनीष पंत और वरिष्ठ उपाध्यक्ष देविंदर किशोर ने भारत में ऊर्जा दक्षता, ऑटोमेशन और डिजिटल क्षेत्रों में निवेश की प्रतिबद्धता दोहराई।

उच्चस्तरीय कूटनीतिक वार्ता:
तीन दिवसीय यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण क्षण राष्ट्रपति हि. ई. थरमन शनमूगरत्नम के साथ इस्ताना में हुई बैठक रही। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी, साझा मूल्यों और नवाचार-सस्टेनेबिलिटी के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट किया गया।

भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद:
यात्रा का समापन भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद के साथ हुआ, जिसमें निवेशकों की अपेक्षाओं और भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने कहा कि यह सत्र सिंगापुर की भारत की विकास यात्रा में एक विश्वसनीय साझेदार की भूमिका को और मजबूत करता है, तथा वित्त, ऊर्जा परिवर्तन, प्रौद्योगिकी और सतत बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर खोलेगा।