पीएम मोदी का दो दिवसीय गुजरात दौरा: 5400 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25-26 अगस्त को गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर 5400 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क, रेलवे, ऊर्जा एवं शहरी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और मेक इन इंडिया के तहत विश्वस्तरीय ई-व्हीकल और बैटरी उद्योग की शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 और 26 अगस्त को गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में रेलवे, सड़क, शहरी अवसंरचना, ऊर्जा वितरण और आवासन जैसी योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य की कनेक्टिविटी और विकास को नई गति मिलेगी।
रेलवे और कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसमें महेसाणा–पालनपुर रेल लाइन का दोहरीकरण, कलोल–कडी–कटोसन रोड रेल लाइन तथा बेचराजी–रानुज ब्रॉड गेज लाइन का गेज परिवर्तन शामिल है। इन परियोजनाओं से माल ढुलाई आसान होगी, यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी और क्षेत्रीय व्यापार को मजबूती मिलेगी।
सड़क और शहरी योजनाएं
अहमदाबाद–महेसाणा–पालनपुर मार्ग पर छह लेन अंडरपास और ओवरब्रिज का शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही कई सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं और स्मार्ट जल एवं सीवरेज प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं की शुरुआत होगी। अहमदाबाद में नए स्टाम्प एवं पंजीकरण भवन तथा गांधीनगर में राज्य स्तरीय डेटा संग्रहण केंद्र की आधारशिला भी रखी जाएगी।
ऊर्जा और स्लम पुनर्विकास परियोजनाएं
विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए अहमदाबाद, मेहसाणा और गांधीनगर में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली वितरण परियोजनाओं का उद्घाटन होगा। इनसे आपूर्ति व्यवस्था बेहतर होगी और बिजली कटौती की समस्या में कमी आएगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री रामापीर नो टेकरो सेक्टर-3 में स्लम पुनर्विकास परियोजना का लोकार्पण करेंगे, जिससे हजारों परिवारों को आधुनिक आवास सुविधाएं मिलेंगी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम: ई-व्हीकल और बैटरी प्लांट
26 अगस्त को प्रधानमंत्री अहमदाबाद के हंसलपुर स्थित सुजुकी मोटर प्लांट में भारत निर्मित पहले वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन “ई-विटारा” को लॉन्च करेंगे। साथ ही, टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड इलेक्ट्रोड उत्पादन की भी शुरुआत होगी। इस परियोजना से भारत न केवल सुजुकी के ई-व्हीकल बल्कि एडवांस बैटरियों के निर्यात का भी प्रमुख केंद्र बनेगा। योजना के तहत 80% से अधिक उत्पादन भारत में ही किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।